1. शत्-प्रतिशत परीक्षा परिणाम की प्राप्ति।
2. प्रतियोगी परीक्षा नेट-सेट में विद्यार्थियों की सफलता का प्रतिशत में वृद्धि करना।
3. संभाषण/वक्तृत्व कला का विकास करना।
4. भावनात्मक ,संवेदनात्मक एवं रचनात्मक अभिव्यक्ति को विकसित करना।
5. सृजनात्मक एवं रचनात्मक प्रतिभा का विकास करना।
6. साहित्यिक चेतना जागृत करना।
7. स्थानीय भाषा के प्रति हीनता के भाव को दूर करना।
8. रोजगारपरक एवं व्यक्तित्व विकास के लिए विभिन्न कार्ययोजनाओं के माध्यम से विद्यार्थियों में आत्म विश्वास उत्पन्न करना।
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