शासकीय दिग्विजय स्वशासी स्नातकोŸार महाविद्यालय राजनाँदगाँव (छ.ग.) में भू-विज्ञान विभाग द्वारा बी.एस-सी. – प्ए प्प् एवं प्प्प् के विद्यार्थियों के लिए भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण रायपुर (छ.ग.) के सहयोग से एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन दिनाॅंक 05 जनवरी 2023 दिन – गुरुवार को बक्शी हाॅल में किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वरिष्ट जियोलाॅजिस्ट श्री आशीष वाधवानी एवं श्री रमेश बाबू जालेम अपनी टीम एवं सर्वेक्षण में प्रयुक्त उपकरणों तथा चट्टानो के साथ उपस्थित हुए। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य डाॅ. के. एल. टाण्डेकर ने किया। कार्यक्रम में भूगोल विभाग के विभागाध्यक्ष डाॅ. के. एन. प्रसाद, डाॅ. एस. जेनामणि, डाॅ. प्रतिमा विश्वकर्मा, आशीष मांझी एवं भू-विज्ञान विभाग के सृष्टि शर्मा उपस्थित रहे। प्राचार्य डाॅ. के. एल. टाण्डेकर, डाॅ. के. एन. प्रसाद एवं सृष्टि शर्मा ने अपने उद्बोधन में विद्यार्थियों से इस कार्यशाला से लाभ उठाकर कैरियर निर्माण में आगे बढ़ने की अपील की।
श्री रमेश बाबू जालेम ने छŸाीसगढ़ की भू-विज्ञान संरचना एवं उपलब्ध खनिज संसाधनों के बीच संबंध को उपर्युक्त मानचित्रों के माध्यम से एक प्रभावी प्रस्तुति दी। इन्होंने पाथ फाइंडर मिनरल की सहायता से खनिजो के मुख्य भण्डार तक पहुॅचने का वर्णन बहुत सरल तरीके से किया इन्होंने सोनाखान, गरियाबंद जैसे क्षेत्रों में सोने एवं हीरे की खोज में पाथ फाइंडर मिनरल की भूमिका को बहुत ही रोचक ढं़ग से प्रस्तुत किया।
श्री आशीष वाधवानी ने भारत के सर्वेक्षण विभाग द्वारा निर्मित धरातल पत्रक की मदद से भू-विज्ञान मानचित्र तैयार करने की विधि का उल्लेख करते हुए उच्चावच एवं खनिजों के वितरण पर प्रकाश डाला। इस तरह उन्होंने स्पष्ट रुप से बताया कि मैदानी भाग में सामान्यतः खनिजों की अनुपस्थिति रहती है, जबकि पठारी एवं पहाड़ी भागों में खनिजों की विविधता एवं प्रचुरता दोनों अधिक होती है। फिर भी खास स्थान पर ही खनिज विशेष का भण्डार होने के पीछे भू-विज्ञान संरचना, क्रियाकलाप तथा भौतिक दशाओं की प्रत्यक्ष भूमिका होती है।
कार्यशाला के अंत में प्रश्न-उŸार का एक लम्बा सत्र चला। सभी विद्यार्थियों ने अपनी-अपनी जिज्ञासाओं से संबंधित प्रश्न करने में उत्साह दिखाया। विद्यार्थियों की ओर से मेकल, प्रगति, दीपा, प्रिया ने कार्यशाला के सार्थकता को महत्वपूर्ण बताते हुए भविष्य में ऐसे कार्यक्रम ज्यादा से ज्यादा करने की गुजारिश की।