शासकीय दिग्विजय महाविद्यालय के इतिहास विभाग में सुभाषचन्द्र बोस जयंती मनाई गई। प्राचार्य डाॅ.के.एल. टांडेकर के मार्गदर्शन में आयोजित कार्यक्रम के प्रारंभ में सुभाषचन्द्र बोस के चित्र पर माल्यार्पण किया गया। कार्यक्रम के प्रारंभ में एम.ए. अंतिम के छात्र दिनेश साहू ने सुभाष के जीवनी पर प्रकाश डाला और बताया कि उनका जन्म 23 जनवरी 1897 को कटक में हुआ था। 1919 में उन्होने कलकत्ता विश्वविद्यालय से स्नातक की उपाधि प्राप्त करने के पश्चात् 1920 में इग्लैण्ड से आई.सी.एस. की परीक्षा पास की। बाद में सरकारी सेवा को छोड़कर उन्हें राजनीति में आना पसंद किया। उन्होने चितरंजनदास को अपना राजनीतिक गुरु माना था। प्रभारी प्राचार्य डाॅ. अंजना ठाकुर ने कहा कि सुभाषचन्द्र का जीवन त्याग और आदर्शो से भरा हुआ था। मई 1939 में उन्होने फावर्ड ब्लाक की स्थापना की। उनके विचारों से भारत को स्वतंत्रता दिलाने हेतु विदेशियों की सहायता आवश्यक है, अतः उन्होने सशस्त्र संघर्ष आरंभ किया। विभागाध्यक्ष डाॅ. शैलेन्द्र सिंह कहा कि सुभाषचन्द्र बोस एक विचार धारा थे। सुभाषचनद्र ने आजाद हिंद फौज के सेनापति का हैसियत से स्वतंत्रत भारत को अस्थायी सरकार सिंगापुर में बनाई। रानी झासी रेजीमेंट नाम से स्त्री सैनिकों के भी एक दल का निर्माण किया। इसकी कमान कैप्टन लक्ष्मी बाई सहगल के हाथ में थी। सुभाषचन्द्र बोस ने आजादी हेतु नवयुवकों के समक्ष ‘‘तुम मुझे खून दो मै तुम्हे आजादी दूंगा’’ का नारा दिया। कार्यक्रम का संचालन हेमलता साहू द्वारा किया गया। कार्यक्रम में विभाग के छात्र-छात्राएंे उपस्थित थे।