रेडियो को भुल ना जाना हमेंशा याद रखना और औरों को भी याद दिलाना: प्राचार्य डॉ.के.एल.टांडेकर
राजनांदगांव। शासकीय दिग्विजय स्वशासी स्नातकोत्तर महाविद्यालय, राजनांदगांव में प्राचार्य डॉ.के.एल.टांडेकर के मार्गदर्शन एवं पत्रकारिता विभागाध्यक्ष डाॅ.बी.एन.जागृत के नेतृत्व में पत्रकारिता विभाग द्वारा विश्व रेडियो दिवस के उपलक्ष्य में ’’आपकी फरमाईश’’ कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में काॅल के माध्यम से जुड़ कर श्रोताओं की फरमाईश पर गीत, कविता, और अनुभव सुनाकर मनोरंजन किया।
प्राचार्य डॉ.के.एल.टांडेकर ने अपना अनुभव को सझा करते हुए कहा कि रेडियो के साथ लोगों के जीवन की कहानियां जुड़ी है। रेडियो अपने कार्यक्रमों के जरिए आम आदमी के जीवन को अलग – अलग तरह के रगों से भरता है। वहीं वर्तमान युग में कितने भी क्रंतिकारी परिवर्तन आ जाये लेकिन रेडियो से गहरा जुड़ाव आज भी जिंदा है, पुराने समय मे रेडियो न केवल मनोरंजन का साधन हुआ करता था बल्कि रोजगार संबंधित जानकारी के लिए भी रेडियो पर युवा पीढ़ी निर्भर रहती थी। कार्यक्रम सुनने कि जिज्ञासा के चलते अपने पसंदीदा उद्घोषक की आवाज का इतजार रहता था। अब तकनीक बहुत विकसित हो गयी है जो कभी – कभी दुषित मानसिकता को बढ़ावा देने में जिम्मेदार भी है। बदलते समय के साथ रेडियो के संगीत कही खो गया है, टेक्नोलाजी के जमाने में युवा पीढ़ी रेडियो पर संगीत का आनंद नही ले पा रही है। रेडियो को भुल ना जाना हमेंशा याद रखना और औरों को भी याद दिलाना तभी रेडियो दिवस मनाना सार्थक हैं।
पत्रकारिता विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. बी. नंदा जागृत ने अपनी रेडियो की पुरानी यादो को सझा करते हुए कहा कि रेडियो सूचना के लिए सशक्त माध्यम है, रेडियो के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। रेडियो जाॅकी बनने के लिए सिर्फ बोलना ही नहीं बल्कि क्या, कितना, कब और कैसे प्रभावी ढ़ग से प्रस्तुत करने आना चाहिए, वहीं रेडियो कानों में रस घोरता, मधुर संगीत और जरुरी जानकरी देने वाला मुफ्त, सशक्त, सरल एवं सुलभ जनसंचार माध्यम है जो अपने कार्यक्रमों के जरिये देश की विविधता से अवगत करवाता है। साथ ही डॉ. जागृत ने बताया कि आरजे बनने के लिए अच्छे ज्ञान के साथ – साथ विविध शब्दावली पर पकड़ होनी चाहिए।
’’आपकी फरमाईस’’ कार्यक्रम मे जुड़ी किशोर न्याय बोर्ड, मेम्बर, श्रीमति पुष्पलता गनवीर ने मीडिया के क्षेत्र में महिला सशक्तिकरण पर अपनी बात रखते हुए बताया कि महिलाओं को पुरी स्वतंत्रता देने की आवश्यकता है ये उनका जन्म सिद्ध अधिकार है महिलाओं को भी अपनी पूर्व धरनाओं को बदलने की जरुरत है कि वो कमजोर है और उन्हे कोई भी धोखा दे सकता है। इसके बजाये ये सोचने की आवश्यकता है कि उनमें पुरुषो से अधिक सक्ति है और वे बेहतर कर सकती है। वहीं ’’आपकी फरमाईस’’ में जुड़ी माहिला सशक्तिकरण जिला अध्यक्ष श्रीमति बुधिमित्रा वासनिक ने अपने कैरियर के सघर्षो के बारे मे बात करते हूए कहा कोई भी समय इतना कठीन नही होता कि उससे बहार ना निकला जा सके बस जरुरत है तो इस बात की समस्याओं से घबराये बिना उनसे डटकर समना करने की हिम्मत रखना चाहिए।
आपकी फरमाईश कार्यक्रम के दौरान आरजे के भूमिका पर बीएजेएमसी द्वितीय सेमेस्टर की छात्रा इला सिद्दीकी और रुबिना सिद्दीकी ने निभाई जिसमें श्रोताओं की फरमाईश पर संगीत विवि, खैरागढ़ से कु. तम्मना साहू ने अपना गीत सुनाई और बहुत से विद्यार्थीयो ने काॅल के माध्यम से जुड़ कर श्रोताओं की फरमाईश पर गीत, कविता, और अनुभव सुनाकर मनोरंजन किया।
कार्यक्रम संचालन पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के प्रध्यापक अमितेश सोनकर द्वारा किया। आभार प्रदर्शन प्रध्यापक कुमारी विभा सिंह ने किया। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में विभाग के व्याख्याता सेऊक दास का योगदान रहा साथ ही विद्यार्थीयों ने अपनी सहभागिता दी।