वनस्पति शास्त्र विभाग में मनाया गया “विश्व खाद्य दिवस” 
वनस्पति शास्त्र विभाग में दिनांक 16 अक्टूबर 2023 को विश्व खाद्य दिवस मनाया गया जिसमें वनस्पति शास्त्र विभाग की  विभागाध्यक्ष  एवं अन्य प्राध्यापक गण  के साथ-साथ एमएससी प्रथम एवं अंतिम सेमेस्टर के छात्र-छात्राएं उपस्थित थे | कार्यक्रम का संचालन डॉ. त्रिलोक कुमार ने किया ।  डॉ. त्रिलोक ने बताया कि विश्व खाद्य दिवस क्यों मनाया जाता हैं इसके क्या-क्या लाभ हैं एवं उसके उद्देश्य क्या है।
                   इस खाद्य दिवस के अवसर पर एमएससी अंतिम की छात्रा तेजस्विनी धुर्वे ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा 16 अक्टूबर 1945 को रोम में खाद्य एवं कृषि संगठन की स्थापना की तथा वर्ष 2023 में इस दिवस की थीम को बताया कि “जल ही जीवन है जल ही भोजन है” भोजन के प्रति लोगों में जागरूकता कैसे विकसित किया जाए तथा इसके महत्व को भी बताया ।
          इसके पश्चात भानु ऊके ने अपना विचार व्यक्त किया और बताया कि संयुक्त राष्ट्र संघ के अनुसार (वैश्विक भुखमरी सूचकांक 2023 ) विश्व में प्रतिवर्ष 36 मिलियन व्यक्ति की मृत्यु भुखमरी के कारण होती है वैश्विक स्तर पर खाद्य के महत्व को बताते हुए बताया कि प्रतिवर्ष औसतन 74kg भोजन प्रत्येक परिवार से बर्बाद होता हैं UNEP के अनुसार 93.1 लाख टन भोजन 2021 में पूरे विश्व में कचरे में समा गया साल ।2023 की भुखमरी सूचकांक में भारत 125 देश में से 111 स्थान पर है इसके साथ ही भानु ने बताया कि ग्रामीण एवं शहरी स्तर पर होने वाले कार्यक्रम में भोजन की बर्बादी के क्या-क्या नुकसान हो सकता है।
             तत्पश्चात खुशाल चंद साहू ने बताया  कि राष्ट्र एवं विश्व के स्तर पर चल रही विभिन्न योजनाओं के द्वारा भुखमरी व कुपोषण के बचाव से संबंधित जानकारियां दी । पीएम पोषण योजना( मिड डे मील ), ईट राइट चैलेंज ,फूड सेफ्टी मित्र स्कीम, मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना के बारे में अपना विचार दिया इसके साथ राज्य खाद्य सुरक्षा सूचकांक में FSSAI के महत्व को बताया |
            कार्यक्रम के अंत में विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. अनिता महेश्वर ने बताया कि लोगों में भोजन के प्रति किस तरह जागरूकता फैलाया जाए वर्ष 2023 में चल रहे खाद्य योजनाओं से संबंधित जानकारियां दी | पारंपरिक अनाजों जैसे कोदो, कुटकी, बाजरा, जई, रागी इत्यादि के महत्व से संबंधित जानकारियां दी, जो की शारीरिक व मानसिक विकास हेतु आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करता है भोज्य पदार्थों के उत्पादन के पश्चात उचित संग्रहण एवं संरक्षण कैसे किया जाना चाहिए इससे संबंधित जानकारियां एवं सावधानियां को बताया | कार्यक्रम के अंत में प्रोत्साहन राशि स्वरूप अच्छे वक्तव्य के लिए भानु उईके को पुरस्कृत किया गया।
इस कार्यक्रम में विभाग के प्राध्यापक गण डॉ. त्रिलोक देव, डॉ. सोनल मिश्रा, डॉ. केशव राम आडिल, डॉ. किरण जैन, व श्री मोहित साहू उपस्थित थे |