वह परिवार ज्ञानवान होगा जिस घर की महिलाएं पढ़ी लिखी होगी: डॉ. टांडेकर
शासकीय दिग्विजय महाविद्यालय के प्राचार्य के. एल. टांडेकर के निर्देशन एवं पत्रकारिता विभागाध्यक्ष डॉ. बी. एन. जागृत के मार्गदर्शन में सावित्री बाई फुले की 193वीं जन्म जयंती मनाई गई। प्राचार्य ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा की जब हम इतिहास को देखें, पढ़े, सुने तो महिलाओं को कितना अपमान सहना पढ़ता था, अपने अधिकार के लिए आवाज नही उठा पाते थे, डरे और सहमे हुए से रहते थे। उस समय सावित्री बाई फुले ने महिलाओं के लिए और दलित समाज वर्ग के लिए आवाज उठाई और सभी यातनाओं को सहते हुए देश में पाठशाला खोली और सभी को जागरूक करने का काम किया। आगे कहा की वह परिवार और समाज ज्ञानवान होगा जहां महिलाओं को शिक्षा से वंचित ना करके पढ़ने लिखने के लिए आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहन दी जाएगी, हम सभी को नारी शक्ति का सम्मान करना होगा। डॉ. बी. एन. जागृत ने अपने उद्बोधन में कहा की विद्यार्थियों को इतिहास के बारे में बताना और भारतीय समाज की विचारों का सम्मान करना है। उस समय अपने विचारों को बांटना और लोगो को जागरूक करना बहुत कठिन काम होता था। ऐसी विदुशी महिला ने समाज में बिना डरे अपने कर्तव्य पर डटी रही और बिना रुके साहस के साथ विधवा महिला, बीमारी से पीड़ित, दुखित एवं समाज से बहिष्कृत लोगों को अपने आश्रम में रखती थी। इन्होंने वास्तव में समाज सेवा के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दी और इतिहास रच दी। आज हर नारी अपने अधिकार के लिए लड़ रही है। इसकी शिक्षा भी आज हमें स्कूल, कॉलेज में षिक्षा ग्रहण के बाद मिल रही है। आगे विद्यार्थी मनीष देवांगन ने कहा कि महिलाओं की साक्षरता दर राजनांदगांव में 78 प्रतिशत है। फिर भी आज महिलाएं अशिक्षित होने के बाद भी अपने बच्चों को पढ़ा लिखा रही है, बच्चों की पढ़ाई के लिए कड़ी मेहनत कर रही हैं। वर्तमान में जो स्वतंत्र शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं वह सावित्रीबाई फुले की ही देन है। दीप रामटेके ने इनके जीवन चक्र को बताते हुए कहा की ऐसी शिक्षित महिला को हम सबको जानना चाहिए, जो हमें जीवन जीने के लिए रोजी के साथ-साथ रोटी भी दे रही है। ईला सिद्दीकी ने कहा कि हमें नारी होने का आज जो गौरव प्राप्त हुआ है, वह इन्हीं की देन है। किरण ने कहा कि आज महान नायिका ने महिलाओं को स्कूल और कॉलेज में पढ़ने योग्य बनाया आज इन्हें हम सभी जगत गुरु के रूप में देखे रहे है। अखिलेश के साथ सभी विद्यार्थियों ने एक स्वर में फीडबैक (प्रतिपुष्टि) देते हुए कहा की ऐसे कार्यक्रम का आयोजन आगे भी होती रहे, जिससे सभी विद्यार्थियों को लाभ प्राप्त हो। कार्यक्रम का संचालन दीक्षा देशपांडे ने किया एवं आभार प्रदर्शन अमितेश सोनकर ने किया। इस कार्यक्रम में विशेष सहयोग रेशमी साहू का रहा एवं बड़ी संख्या में विद्यार्थियों की उपस्थित रही।