मीडिया एवं राजनीति का अंतर्संबंध’ विषय परअंतर्विभागीय व्याख्यान
मीडिया माध्यम समाज या देश के वास्तविक स्थिति का प्रतिबिम्ब होता हैं: संजय सप्तर्षि
प्राचार्य डाॅ. के.एल. टांडेकर. के मार्गदर्शन एवं पत्रकारिता विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. बी.एन.जागृत के नेतृत्व में पत्रकारिता विभाग में एक दिवसीय अंतर्विभागीयव्याख्यान का आयोजन मीडिया एवं राजनीति का अंतर्संबंध’ विषय में किया गया। विषय विशेषज्ञ के रूप में राजनीति शास्त्र विभाग के सहायक प्राध्यापक श्री संजय सप्तर्षि रहे। विषय विशेषज्ञ सप्तर्षि ने ‘मीडिया एवं राजनीति का अंतर्संबंध’ विषय परकहा कि मीडिया या जनसंचार के माध्यम किसी भी समाज या देश की वास्तविक स्थिति के प्रतिबिम्ब होते हैं। मीडिया की शक्ति का आकलन उसकी व्यापक पहुंच के मद्देनजर किया जा सकता है। लोकतंत्र में व्यवस्थापिका, कार्यपालिका और न्यापालिका के बाद मीडिया को चैथा स्तम्भ माना जाता है । राष्ट्र का अस्तित्व तभी तक बना रहता है जब तक उसके सभी स्तम्भ राष्ट्र के प्रति अपनी निर्विवाद एकजुटता प्रदर्शित करते हैं। इनमें मतभेद पैदा होने पर राष्ट्रीय सुरक्षा के खतरा उत्पन्न हो जाता है। विभागाध्यक्ष डॉ. बी. एन. जागृतने कहा कि मीडिया राजीनीति पर अनेक रूपों में देखने को मिलता है। मत देने वाले नागरिकों के व्यवहार को भी अंकित करता है जिससे लोगों ने अपने विचारों को बदला। इस तरह मीडिया राजनिती के क्षेत्र में विचारो को निर्मित करता है। कार्यक्रम का संचालन पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के प्राध्यापक श्री अमितेश सोनकर द्वारा किया गया। इसके साथ ही आभार ज्ञापन श्री राजीव यादव ने किया। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में विभाग से सुश्री रेशमी साहू का विशेष सहयोग रहा। विभाग के छात्र - छात्राओं की उपस्थिति में संपन्न हुआ।