क्लाइमेट चेंज पर दिग्विजय कॉलेज में तीनदिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का समापन प्रकृतिके सीमित संसाधनों का बेरहमी से इस्तेमाल ना करें : प्राचार्य डॉ. सुचित्रा गुप्ता प्रकृति की सुरक्षा में अपना सर्वत्र सहयोग करें : डॉ. बबितालाभ राजनांदगांव । दिग्विजय कॉलेज में प्राणीशास्त्र विभाग द्वारा सस्टेनेबल डेवलपमेंट एंड क्लाइमेट चेंज विषय पर तीन दिवसीयअंतरराष्ट्रीय सेमिनार का भव्य समापन हुआ । समापन समारोह के महाविद्यालय प्राचार्यडॉ. सुचित्रा गुप्ता ने सेमिनार की सार्थकता तब होगी जब इसमें अर्जित ज्ञान कोव्यावहारिक रूप से क्रियान्वित करें एवं प्रकृति के सीमित संसाधनों का बेरहमी सेइस्तेमाल ना करें । उन्होंने सफल सेमिनार के लिए पूरी आयोजन समिति को बधाई दी ।

सेमिनार संयोजक डॉ. किरण लता दामले नेतीन दिवसीय सेमिनार का सारांश प्रस्तुत किया ।

मुख्य अतिथि, त्रिभुवन विश्वविद्यालय काठमांडू, नेपाल, डॉ. बबिता लाभ कायस्थ ने कहा कि जलवायु परिवर्तन का मुद्दावर्तमान में बहुत महत्वपूर्ण है । प्रत्येक देश प्रकृति का अंधाधुन दोहन कर रहा है, जिसके कारण जलवायु में निरंतर परिवर्तन हो रहा है । जब तकमनुष्य अपने स्वभाव नहीं बदलेगा तब तक प्रकृति संरक्षण असंभव है । हम अपनीसंस्कृति से ही पर्यावरण को बचा सकते हैं । डॉ.श्याम नारायण लाभ, त्रिभुवन विश्वविद्यालय काठमांडू, नेपाल, डिपार्टमेंट ऑफ़ फॉरेस्ट्री, कोहिमा, नागालैंड, एसोसिएटप्रोफेसर, डॉ. मयूर मौसूम फुकन, जिला उप पंजीयक, प्रियंकाश्रींरगे एवं सेवानिवृत्त, पूर्व विभागाध्यक्ष, प्राध्यापक उषा ठाकुर उपस्थित थीं । मुख्य वक्ता सीएसआईआर-नीरी, नागपुर, महाराष्ट्र डीआर. प्रशांत थावले ने बायोचार के संबंध में चर्चाकरते हुए कहा कि बायोचार एक खेल पदार्थ है । यह चारकोल के समान होता है । यहपेट्रोलियम नहीं होता । बायोचार का प्रयोग मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने, पौधों की वृध्दि बढ़ाने और फसल को पोषण देने के लिए किया जाताहै । बायोचार बनाने की प्रक्रिया को पयरोलिसिस प्रोसेस कहते हैं । सीएसआईआर वैज्ञानिक, नीरी, नागपुर, डॉ. कार्तिक रघुनाथन ने नीरी में जैवप्रबंधन बायोडायवर्सिटी, वेस्टवाटर एवं सीवेज मैनेजमेंट के संबंधमें विस्तार से बताया । डॉ. डाकेश्वर वर्मा, डॉ. केशव आडिल, रितु देशलहरे, कालिंदी, दानेश्वर विश्वकर्मा शोध पत्र का वाचनकिया । महाविद्यालय के विभिन्न विभूतियों के नाम पर अतिथियों को अवार्ड प्रदानकिया गया ।इस कार्यक्रम में विभागीय, प्रध्यापकडॉ. संजय ठिस्के, डॉ. माजिद अली, प्रो. गुरप्रीत भाटिया एवं चिरंजीवी पांडेय, जागृति चन्द्राकर सहित सेमिनार में देश-विदेश के विद्वानप्रतिभागी एवं विद्यार्थीगण हाइब्रिड मोड़ से जुड़े थे । सेमिनार का संचालनप्रियंका सिंह और वंदना मिश्रा ने किया । प्राणी शास्त्र विभाग के विद्यार्थियोंके द्वारा अतिथियों के लिए सत्र के समापन अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम कीप्रस्तुति दी ।