शासकीयदिग्विजय  महाविद्यालय राजनांदगांव में पीएम उषा व महिला प्रकोष्ठ केसंयुक्त तत्वाधान में सात दिवसीय (3 से 10 फरवरी) कार्यशाला का आयोजन प्राचार्य डॉ. सुचित्रा गुप्ता केमार्गदर्शन व श्रीमती सविता चंद्रवंशी के संयोजकत्व  में मुक्तिबोध हॉल मेंसंपन्न हुआ। सात दिवसीय कार्यशाला के उदघाटन समारोह में प्राचार्य जी ने कहा किमहिलाओं को शिक्षित व सशक्त होने की आवश्यकता है। प्रथम दिवस मुख्य वक्ता के रूपमें महाविद्यालय की वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. बी. एन. जागृत उपस्थित रहीं, जिन्होंने कहा किस्त्री की संवेदनशीलता को समझना महिलाओं के साथ-साथ पुरुषों को भी अति आवश्यक है ।उन्होंने कहा कि स्त्री पैदा नहीं, होती बनाई जाती है ।कार्यशाला के द्वितीय दिवस उच्च न्यायालय कीअधिवक्ता प्रतीक्षा सिंह ने अपने वक्तव्य में महिलाओं व बच्चों के अधिकारों वअधिनियमों से अवगत कराया उन्होंने बताया कि महिलाओं पर अत्याचार होने का कारण उनकाअशिक्षित होना है । तृतीय  दिवस वक्ता  के रूप में समाजसेवी मलय जैन मैम ने कहा कि महिलाओं को अपनेआंतरिक शक्ति को समझने की आवश्यकता है ,स्त्रियां बचपन से कमजोर नहीं होती, समाज की मानसिकता कमजोरबनाती हैं।  चतुर्थ दिवस विषय विशेषज्ञ के रूप में महाविद्यालय कीप्राध्यापक डॉ. अंजली मोहन कोडोपी उपस्थित रही उन्होंने कहा कि महिलाओं और बच्चोंपर होने वाले  अत्याचारों के बारे में और उनके रोकथाम के उपायों को बताया।उन्होंने कहा कि बच्चों को प्राथमिक स्तर से ही जागरूक करने की आवश्यकता है।कार्यशाला के पंचम दिवस विषय विशेषज्ञ के रूप में अंग्रेजी विभाग के प्राध्यापकडॉ. अनीता साहा उपस्थित रहीं जिन्होंने पितृ सत्तात्मक समाज की विचारधारा एवं उसकेप्रभाव को विस्तार से बताया।  छठवें दिन वक्ता  के रूप में दिल्ली से आई श्रीति मुंशी जी  ने लिंग आधारित हिंसावह भेदभाव पर विचार रखा, समाज में महिलाओं की वास्तविक स्थिति के बारे में उन्होंनेविस्तार से अपने विचार प्रस्तुत किए ।सातवें दिवस में वक्त के रूप में समाजशास्त्रविभाग के प्राध्यापक श्रीमती  ललित साहू उपस्थित रहीं उन्होंने लिंग आधारित हिंसा व अत्याचारपर प्रकाश डाला, उन्होंने कहा कि स्त्री सृजन की शक्ति है । सृजन की शक्ति होनेके बावजूद समाज के हर क्षेत्र में नारी ,हिंसा व अत्याचार का शिकार हो रही है। समापन समारोह में  पोस्टर प्रतियोगिता  का आयोजन किया गया औरविद्यार्थियों से फीडबैक फॉर्म भराया गया। कार्यशाला में सक्रिय रहे विद्यार्थियोंको मोमेंटो और प्रमाण पत्र महाविद्यालय की वरिष्ठ अध्यापक डॉ नीलू श्रीवास्तव वअनीता साहा के करकमलो से वितरित किया गया।

 सात दिवसीय कार्यशाला का विषय प्रवर्तन संयोजक श्रीमती सविताचंद्रवंशी के द्वारा संचालन  स्वयंसिद्धा झा,हेमलता साहू द्वारा, धन्यवाद ज्ञापन डॉ देहूति बंछोर,पूजा कुमारी, प्रियंका दास ने,कार्यक्रम कारिपोर्टिंग कौशिक बिशी ,डॉ अजय शर्मा द्वारा,तकनीकी सहयोगी रामावतार तथा फ़ोटोग्राफीदीपक कुमार व डॉ सूरज पटेल द्वारा किया गया।