शासकीय दिग्विजय महाविद्यालय के इतिहास विभाग द्वारा 23 मार्च को शहादत दिवस मनाया गया। इस अवसर पर एम.ए. के विद्यार्थियों रेशु राजपूत, श्वेता देवांगन, स्वरूप देवांगन द्वारा भगत सिंह, राजगुरू और सुखदेव की जीवनी पर प्रकाश डाला गया तथा उनके जीवन के महत्वपूर्ण घटनाओं का उल्लेख किया। कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राचार्य डाॅ.के.एल.टांडेकर ने कहा कि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में क्रांतिकारियों की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही है, आजादी के दीवानों ने अपने प्राणों का बलिदान देकर देश को स्वतंत्रता दिलाई। हमारा कत्र्तव्य है कि हम उनके बलिदान को याद रखे तथा अपने जीवन में उनके आर्दशों का पालन करें। विभागाध्यक्ष डाॅ. शैलेन्द्र सिंह ने कहा कि 19 वीं शताब्दी के अंतिम दशक में क्रांतिकारी राष्ट्रीयता का अभ्युदय हुआ। क्रांतिवारी साहसी और जोशीले देशभक्त थे। भगत सिंह, राजगुरू, सुखदेव जैसा क्रांतिकारियों ने अपने प्राणों का न्यौछावर करके देश के युवाओं को देश के प्रति मर मिटने का संदेश दिया था। उनके बलिदान दिवस पर याद करना हमारा कत्र्तव्य है, उनके बलिदान को कभी भी नहीं भूलाया जा सकता। कार्यक्रम का संचालन करते हुए प्रो. हीरेन्द्र बहादुर ठाकुर ने कहा कि क्रांतिकारी ने भारतीय युवकों को संगठित और प्रशिक्षित किया था। उनका विश्वास था कि युवक अपने त्याग और बलिदान द्वारा मातृभूमि को विदेशी बंधन से मुक्त कर सकते है। इस अवसर पर प्रो. हेमलता साहू तथा एम.ए. के सभी छात्र-छात्राऐं उपस्थित थे।