आज दिनांक 13/04/2023 महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर के एल टांडेकर के प्रयासों से IQAC समिति के द्वारा में ‘‘बौद्धिक संपदा अधिकार‘‘ विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में प्रोफेसर जया वासुदेवन, प्रोफेसर , हिदायतुल्लाह नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, नया रायपुर, छत्तीसगढ़ एवं डॉ. उत्तम कुमार पांडा, असिस्टेंट प्रोफेसर, हिदायतुल्लाह नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, नया रायपुर सम्मिलित हुए। प्रोफेसर शबनम खान ने पुष्प गुच्छ देकर मुख्य अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए डॉ शबनम खान ने बताया कि व्यक्तियों को उनके बौद्धिक सृजन के परिप्रेक्ष्य में प्रदान किये जाने वाले अधिकार ही बौद्धिक संपदा अधिकार कहलाते हैं। वस्तुतः ऐसा समझा जाता है कि यदि कोई व्यक्ति किसी प्रकार का बौद्धिक सृजन (जैसे साहित्यिक कृति की रचना, शोध, आविष्कार आदि) करता है तो सर्वप्रथम इस पर उसी व्यक्ति का अनन्य अधिकार होना चाहिये। चूँकि यह अधिकार बौद्धिक सृजन के लिये ही दिया जाता है, अतः इसे बौद्धिक संपदा अधिकार की संज्ञा दी जाती है। तत्पश्चात प्रो. जया वासुदेवन ने पब्लिकेशन एथिक्स एंड बेस्ट प्रैक्टिसेज पर व्याख्यान दिया। उन्होंने बताया कि रिसर्च एथिक्स की आवश्यकता क्यों है, रिसर्च के मानक निर्धारित करना वर्तमान जरुरत है। रिसर्च एथिक्स में आने वाली समस्याएं, मारल फाउंडेशन ऑफ रिसर्च,मिसकंडक्ट,रिसर्च पेटेंट, कॉपी राइट, प्लैगिरिज्म, एकेडमिक इंटीग्रिटी, ऑथरशिप ट्रांसफर,ऑथर के अधिकार के साथ इस से सम्बन्धित लीगल एक्शन को विस्तार से समझाया। प्रो उत्तम कुमार पांडा ने रिसर्च मेथड और लीगल राइटिंग कांसेप्ट, फील्ड स्टडी, इंपीयरिकल रिसर्च, रिसर्च कैटेगरी, साइंटिफिक कैरेक्टर, हाइपोथीसिस को विस्तार से समझाया। कार्यक्रम का संचालन डॉ डी.के.वर्मा ने किया। डॉ. शबनम खान ने मुख्य अतिथियों को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया। IQAC संयोजक डॉ अनीता साहा ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कार्यक्रम का समापन किया। उपरोक्त कार्यक्रम में महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापक सहायक अधिकारी एवं कर्मचारी समेत शोधार्थी सम्मिलित रहे। IQAC सदस्य डॉ त्रिलोक देव, डॉ डी. के. वर्मा ,डॉ. माजिद अली, श्रीमति हेम पुष्पा, रागिनी पराते एवं चिरंजीव पाण्डेय का विशेष योगदान रहा।