शोध प्रविधि: आधारभूत एवं अभ्यास विषय पर आयोजित हो रही राज्य स्तरीय 07 दिवसीय कार्यशाला*
शासकीय दिग्विजय स्वशासी स्नातकोत्तर महाविद्यालय राजनांदगांव में शोध एवं योजना प्रोत्साहन समिति एवं आंतरिक गुणवत्ता मूल्यांकन प्रकोष्ठ के संयुक्त तत्वाधान में रिसर्च मेथाडोलॉजी फंडामेंटल्स एंड प्रैक्टिसेज विषय पर सात दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन दिनांक 24 जुलाई से 30 जुलाई के बीच किया जा रहा है। कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए प्राचार्य के एल टांडेकर ने बताया कि महाविद्यालय द्वारा प्रतिवर्ष शोध एवं योजना प्रोत्साहन समिति के मार्गदर्शन में रिसर्च गतिविधि के प्रोत्साहन के लिए कार्यशाला एवं सेमिनार का आयोजन किया जाता रहा है ,हमारा उद्देश्य महाविद्यालय में अध्ययनरत शोधार्थियों को शोध पत्र के लेखन व प्रकाशन के लिए प्रेरित करना है। प्रदेश का गौरवशाली महाविद्यालय आज भी शोध के क्षेत्र में बहुत पीछे है, हम चाहते है कि महाविद्यालय शोध के क्षेत्र मे भी नए कीर्तिमान स्थापित करें। कार्यशाला के पहले दिन मुख्य अतिथि के रूप में डॉ पवन कुमार पोद्दार, उपकुलपति, बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय, धनबाद, झारखंड वर्चुअल माध्यम से उपस्थित थे। उन्होंने वर्तमान समय में शोध के महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला। तत्पश्चात प्राचार्य डॉक्टर के एल टांडेकर ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की एवं शोधार्थियों के जीवन में रिसर्च की महत्ता को बताया। डॉ तुषार चौधरी एसोसिएट प्रोफेसर शेठ केसारीमल पोरवाल कॉलेज, कांप्टी ने फंडामेंटल्स ऑफ रिसर्च विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने शोध की परिभाषा, शोधकर्ता के गुण, शोध के प्रकार, शोध प्रारूप, शोध प्रारूप के प्रकार, शोध प्रारूप निर्माण में समस्या, शोध के उद्देश्य परिकल्पना, शोध प्रविधि, शोध में सांख्यिकी का महत्व, रिपोर्ट राइटिंग, निष्कर्ष निकालने के उपरांत शोध पत्र लिखने के तरीकों के बारे में विस्तारपूर्वक समझाया। कार्यक्रम का संचालन डॉ नीलू श्रीवास्तव एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ अनिता साहा के द्वारा किया गया।