“दिग्विजय कॉलेज के मात्स्यिकी के विद्यार्थियोंने सीखे मछली पालन के तरीके”
शासकीयदिग्विजय स्वशासी स्नातकोत्तर महाविद्यालय राजनांदगांव के मत्स्य एवं मात्स्यिकीके स्नातक स्तर के विद्यार्थियों ने प्राचार्य डॉ. केएल टांडेकर के मार्गदर्शन एवंविभागाध्यक्ष डॉ किरण लता दामले के निर्देशन में दिनांक 07।12।2022 कोशैक्षणिक भ्रमण किया। जिसमें उन्होंने अर्जुंदा स्थित दाऊ बिहारी फिश फॉर्म मेंइंडियन मेजर कार्प रोहू, कतला, और रूपचंदा मछलीके लिए बने हैचरी, नर्सरी, रियरिंग, कल्चरऔर ब्रीडर पौंड और उनके प्रबंधन की विस्तार से जानकारी प्राप्त की। साथ ही मछलीपालन के लिए शासन द्वारा प्राप्त होने वाले विभिन्न प्रकार के योजनाओं का लाभ लेकरमत्स्य पालन को कैसे बढ़ाएं इस पर विस्तार से जानकारी प्राप्त की। तत्पश्चातविद्यार्थी ग्राम चंदखुरी जिला दुर्ग में आलोक चंद्रा द्वारा स्थापित निजी कंपोजिटफिश फार्मिंग यूनिट जहा डेयरी के साथ मछलियों के दाने और उनके तालाब के निर्माणमें उपयोगी कच्चे माल का निर्माण कैसे होता है जाना,फिश कम पोल्ट्रीकल्चर यूनिट देखी और समझा कि कैसे पोल्ट्री के साथ मत्स्य पालन किया जाता है। अशोककुमार कनेरिया AFO दुर्ग द्वारा विद्यार्थियों को इंडियन मेजरकार्प - ग्रास कार्प, रोहू, कतला आदि के लिएरॉ फीड कल्चर (बरसीम,पेंसुएगन नेपियर ग्रास)एंड प्रोसेसिंग, समेतविभिन्न मत्स्य बीज उत्पादन और उसके प्रबंधन और सावधानियों को विस्तार से समझाया।विद्यार्थियों ने शिवनाथ नदी के समीप बने मत्स्य फॉर्म में आम के बागान में मछलीके बीच के संचय और उनके लालन-पालन के जाए प्रयोग का विशेष रूप से अध्ययन भी किया।साथ ही हर्षिता साहू फिशरी इंस्पेक्टर ने केज में मछली पालन की विस्तार पूर्वकजानकारी दी।साथ अतिरिक्त समय में विद्यार्थियों ने मैत्री बाग जू में विभिन्नजीवों का अवलोकन भी किया।