“कृत्रिम घोसला”बनाकरमनाया “राष्ट्रीय पक्षी दिवस”
राजनांदगांव। शासकीय दिग्विजयमहाविद्यालय में “राष्ट्रीय पक्षी दिवस” के अवसर परपक्षियों को संरक्षित करने की एक पहल करते हुए प्राचार्य डा. के.एल.टाण्डेकर केमार्गदर्शन में प्राणीशास्त्र विभाग द्वारा दो दिवसीय कार्यशाला एवं प्रदर्शनी काआयोजन किया गया, जिसमे MOU के तहत शासकीयविज्ञान महाविद्यालय राजनांदगांव, शासकीय कमला देवी राठी महाविद्यालयराजनांदगांव, शासकीय वी वाई टी विज्ञान महाविद्यालय दुर्ग केप्रतिभागी भी सम्मिलित रहे| विभागाध्यक्ष डॉ किरण लता दामले ने दोदिवसीय कार्यशाला के उद्देश्य को बताते हुए कहा कि “राष्ट्रीय पक्षीदिवस” 12 नवम्बर को पक्षी विशेषज्ञ, पक्षी मानव, पक्षियों केमसीहा एवं पद्मविभूषण से सम्मानित डॉ. सलीम अली के जन्मदिवस पर मनाया जाता है.वर्तमान में पक्षियों के संरक्षण हेतु जागरूकता आवश्यक है। प्रदूषित होते हुएपर्यावरण से पक्षियों पर भी बुरा प्रभाव पड़ रहा है, उनकी संख्या मेंलगातार कमी आ रही है| इसकार्यशाला के माध्यम से विद्यार्थियों को पर्यावरण एवं पक्षियों की सुरक्षा हेतुउनकी सहायता के लिए घर की अनुपयोगी वस्तुओ से पक्षियों के कृत्रिम घोसला बनाने केलिए प्रेरित करना है ताकि स्थानीय स्तर पर पक्षियों को संरक्षित किया जा सके|प्राचार्यडॉ. के एल टांडेकर ने पक्षियों के संरक्षण के इस प्रयास हेतु कृत्रिम घोसलानिर्माण के कार्य की सराहना की और बधाई दी|
कार्यशाला के दूसरे दिन कृत्रिम घोसला प्रदर्शनी का उद्घाटन डॉ. अनीतामहेश्वर, प्रभारी प्राचार्य एवं वनस्पति शास्त्र विभागाध्यक्ष द्वारा कियागया। उन्होंने अपने उद्बोधन में बताया कि शहरी क्षेत्रो में वृक्षों की कमी होनेके कारण पक्षियों के आवास पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है, कार्यशाला काउद्देश्य पक्षियों को घोसला बनाने के लिए संसाधन उपलब्ध कराने के साथ साथ, उन्हेंकृत्रिम घोसले की तरफ आकर्षित करने के अनूठे प्रयास की प्रशंशा की. कार्यशाला केमुख्य सूत्रधार “प्रकृति मितान” से सम्मानित थानसिंह साहू, जिन्हें पर्यावरण के क्षेत्र नेहरु युवा केंद्रराजनांदगाँव द्वारा आयोजित ‘बेस्ट वालिंटइयर अवार्ड एवं यूनाइटेडनेशन इण्डिया वालिंटइयर वेबिनार यूथ स्पार्क चेंज्मेकर’ में पुरुष्कारप्राप्त है, ने छात्र छात्राओं को अनुपयोगी वस्तुओं जैसेपेड़ों की छाल, जूट की बोरियां व रस्सी, पैरा, कार्टूनके डब्बे आदि से कृत्रिम घोसला बनाना सिखाया, एवंविद्यार्थियों द्वारा विभिन्न स्थानों से एकत्रित किए हुए घोंसला को एकत्र करप्रदर्शनी लगाई गई। गत वर्ष भी घोंसला निर्माण पर महाविद्यालय के प्राणी शास्त्रविभाग में दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन स्नातकोत्तर स्तर पर किया गया था। छात्रछात्राओं ने महाविद्यालय एवं अपने अपने घरों में कुछ घोसले लगाए थे। नियमित अवलोकनकिया एवं पाया कि शत-प्रतिशत तो नहीं लेकिन चिड़ियों ने कुछ कृत्रिम घोंसलों मेंअपना निवास बनाया । एवं दो घोंसलों में तो 4 पीढ़ियां तक पाईगई। इसी प्रतिक्रिया को देखते हुए इस वर्ष भी राष्ट्रीय पक्षी दिवस पर कृत्रिमघोंसला निर्माण के लिए प्रयास किया गया। इस अवसर पर डॉ त्रिलोक देव, डॉसोनल मिश्रा, श्री चिरंजीवपाण्डेय, श्रीमती करुणा रावते, श्री महेश लाडेकर, श्रीकुमारी रूपाली पाण्डेय अन्य प्राध्यापक गण एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएंउपस्थित रहे।