पर्यटन आज विश्व का एक विकसित उद्योग है – डाॅ. शम्पा चौबे
शासकीय दिग्विजय महाविद्यालय राजनांदगांव के इतिहास विभाग में ‘‘पर्यटन का इतिहास’’ विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता डाॅ. शम्पा चौबे , प्राध्यापक शास. दु.बजरंग कन्या महाविद्यालय, रायपुर थी। डाॅ. शम्पा चौबे ने कहा कि पर्यटन से वर्तमान में समाज को अनेक प्रकार के सामाजिक आर्थिक लाभ प्राप्त हो रहे है। विश्व इतिहास में पर्यटन अनादि काल से होता आ रहा है। प्राचीन काल में महलों, नगरों, मंदिरों को देखने के लिए ईरान, मिश्र, पूर्वी अरब देश, मेसापोटामिया तथा हडप्पा क्षेत्र में यात्राएं होती रही है। प्राचीन विश्व में धार्मिक यात्रों का काल कहा जा सकते है। 18 वीं. सदी में लोग यात्राओं में भग्नावेशेषो, समारको, पुरासंग्रहालयों और कला बीथको की ओर आकर्षित होने लगे। धीरे-धीरे पर्यटन के स्वरुप में परिवर्तन होने लगा। और आज पर्यटन विश्व में एक उद्योग के रुप में विकसित है। कई देशों की अर्थव्यवस्था पय्रटन पर निर्भर रहने लगी है। पर्यटन को 18वीं सदी के अंत में बढ़ावा मिला। सहस्त्र लोग समुद्र तटो की यात्रा करने लगे। प्रारंभ में व्याख्यान माला के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए डाॅ. शैलेन्द्र सिंह ने कहा कि व्याख्यान से हमें बहुत से नयी जानकारियां प्राप्त होती है। जहां तक भारत की बात है तो आज विश्व पर्यटन में भारत अपनी अलग पहचान बना चुका है। आभार प्रो. हीरेन्द्र ठाकुर द्वारा किया गया इस अवसर पर एम.ए. के छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।