शास. दिग्विजय स्वशासी स्नातकोत्तर महाविद्यालय राजनांदगांव के स्वशासी परीक्षा विभाग द्वारा तीन दिवसीय ई-कार्यशाला दिनांक 12, 13 और 14 अगस्त 2021 को संपन्न हुआ।
स्वशासी परीक्षा विभाग विद्यार्थियांे में समुचित विकास के लिये परीक्षा के साथ-साथ विद्यार्थी जीवन के अन्य क्षेत्रों में विकास के लिये समय-समय पर विभिन्न गतिविधियों का आयोजन करता है। इसी क्रम में विद्यार्थियों के मानसिक विकास तथा मानसिक शांति हेतु ‘नियति के निर्माण’ (Designing Destiny) विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यशाला के पहले दिन संयोजक एवं स्वशासी परीक्षा प्रकोष्ठ की नियंत्रक डाॅ. अंजना ठाकुर मैडम ने कार्यशाला के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए बताया कि विद्यार्थीजन काॅलेज में अध्ययन करने आते हैं तो उन्हें कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है जैसे परीक्षा का दबाव, आत्मविश्वास एवं स्मरण शक्ति में कमी, भविष्य में जाॅब (नौकरी, व्यवसाय) की चिंता आदि इस तरह की विभिन्न समस्याओं का सामना कैसे करें, कार्यशाला में इस सम्बन्ध में बताया जाएगा। वर्कशाप की संरक्षक एवं महाविद्यालय की प्राचार्य डाॅ. बी.एन. मेश्राम मैडम ने अतिथियों और प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कहा कि इस कार्यशाला के माध्यम से प्रतिभागी अपने नियति (भाग्य) का निर्माण करना सीखेंगे। उन्होंने जोर देकर कहा कि अपने अच्छे भाग्य के निर्माण हेतु हमें अपने मन पर कार्य करना होगा और इस हेतु हार्टफुलनेस की ध्यान पद्धति सरल और प्रभावी है।
वर्कशाप के पहले दिन मुख्य वक्ता डाॅ. विकास देव, नासिक (महाराष्ट्र) ने ‘विराम की शक्ति’ (Power of Pause) के महत्व पर प्रकाश डाला और प्रतिभागियों को कुछ देर हार्टफुलनेस ध्यान करना भी सिखाया। कार्यक्रम का संचालन करते हुए आयोजन सचिव डाॅ. अनिल मिश्रा ने सभी प्रतिभागियों से इस कार्यशाला का लाभ उठाने हेतु आव्हान किया। आभार प्रदर्शन प्रो. राजू खूंटे विभागाध्यक्ष कम्प्यूटर विभाग द्वारा किया गया।
वर्कशाप के दूसरे दिन की रिसोर्स पर्सन कुरूक्षेत्र (हरियाणा) से तकनीकी शिक्षा विभाग की लेक्चरर लवलीना मैडम थी। उन्होंने ‘‘आप जो सोचते हैं वहीं बनते हैं’’ (You become what you believe) विषय पर अपने विचार प्रकट की साथ ही मन की सफाई करने का तरीका भी प्रतिभागियों को सिखाया। धन्यवाद ज्ञापन स्वशासी परीक्षा प्रकोष्ठ की सहायक नियंत्रक प्रो. कविता साकुरे मैडम ने किया।
कार्यशाला के तीसरे और अंतिम दिन रिसोर्स परसन नई दिल्ली से श्री संजय उपरेती जी थे जो सीमा सुरक्षा बल ( BSF) में वित्तीय सलाहकार है। संजय उपरेती जी ने ‘रिश्ते में प्यार’ (Love in Relationship) विषय पर व्याख्यान दिया, साथ ही प्रतिभागियों को हार्टफुलनेस प्रार्थना करने का तरीका भी बताया। इस अवसर पर कुछ प्रतिभागियों ने प्रश्न पूछा जिसका संतोषजनक उत्तर रिसोर्स पर्सन द्वारा दिया गया। स्वशासी परीक्षा प्रकोष्ठ के उपनियंत्रक डाॅ. हेमंत साव ने सभी अतिथियों, प्रतिभागियों एवं कार्यशाला को प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से सफल बनाने के लिए सबके प्रति आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में परीक्षा सहायक नियंत्रक श्री गोकुल निषाद एवं तकनीकी सहयोगी श्री आशीष मण्डले एवं रामअवतार साहू का महत्वपूर्ण योगदान रहा।