होली के आने के साथ ही लोगों में रासायनिक रंगों के प्रति जागरूकता आ जाती ही ऐसे में दिग्विजय महाविद्यालय, बायोटेक्नोलॉजी विभाग के स्नातकोत्तर विद्यार्थोयों ने आने वाले होली को ध्यान रखते हुए एवं समाज में जागरूकता के उद्देश्य से हर्बल गुलाल तैयार किया है, जोकि आसानी से घरेलु सामग्रियों से तैयार की जा सकती है. ये गुलाल लाल, हरे, पिले, एवं स्लेटी रंग के है. लाल रंग को तैयार करने के लिए गुलाब के पंखुड़ियों एवं चुकंदर का प्रयोग किया गया, हरे रंग के लिए अपराजिता एवं पुदीना के पत्तों का उपयोग किया गया, पिले रंग के लिए हल्दी का इस्तेमाल हुआ. सभी रंगों में कॉर्न फ्लोर का बेस दिया गया. यह कार्य विभागाध्यक्ष डॉ प्रमोद कुमार महीश एवं कौशल कुमार साहू के मार्गदर्शन में हुआ जिसकी प्रसंशा करते हुए प्राचार्य डॉ के एल टांडेकर ने कहा कि प्राकृतिक गुलाल का कमर्शियल एवं औद्योगिकीकरण होना चाहिए जिससे इसका लाभ सभी को मिल सके एवं रासायनिक रंगो का इस्तेमाल कम से कम हो. तैयार किये गए रंगों के लिए विद्यार्थी प्रसंसा के पात्र है।