छात्र अपने पालकों को सम्मेलन में देखकर हुए भावुक, उनकी आखें से आसू छलक पडे
पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए रोजगार के अवसर की कमी नहीं है नौकरी उन्हीे के लिए है जो नौकरी के लिए है: प्राचार्य डाॅ. टांडेकर
राजनांदगांव। शासकीय दिग्विजय महाविद्यालय के प्राचार्य डाॅ. के. एल. टांडेकर के निर्देशन में एवं पत्रकारिता विभागाध्यक्ष डाॅ. बी. एन. जागृत के मार्गदर्शन में शिक्षक – अभिभावक सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसमें पत्रकारिता विभाग में अध्ययनरत विद्यार्थियों के विभिन्न गांवों से आए अभिभावकों ने भाग लिया। प्राचार्य डाॅ. टांडेकर ने सम्मेलन का शुभारंभ मां सरस्वती व छत्तीसगढ़ महतारी के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित करके किया।
अभिभावक सम्मेलन की रूपरेखा विभागाध्यक्ष डाॅ जागृत द्वारा रखी गई। उन्होंने सम्मेलन की अवधारणा को स्पष्ट करते हुए कहा कि विद्यार्थियों के साथ अभिभावकों का भी यह कर्तव्य है कि वे ध्यान रखें कि उनके बच्चें महाविद्यालय जाकर क्या कर रहे है उनकी कमजोरी व खुबीयांे की जानकारी पालको को रखनी चाहिए। साथ ही विद्यार्थियों को अपना लक्ष्य निर्धारित कर कड़ी मेहनत करते हुए अध्ययन करना चाहिए। महाविद्यालय में विद्यार्थियों को सर्वांगीण विकास की शिक्षा दी जाती है। वहीें डाॅ जागृत ने कहा कि आज कल के बच्चें मोबाईल फोन को ज्यादा महत्व दे रहे है इस पर अभिावकों को विशेष ध्यान देना चाहिए। शिक्षक – अभिभावक सम्मेलन बच्चों और विभाग दोनों के लिए बहुत जरुरी है। छात्रों से ही विभाग और महाविद्यालय का नाम रोशन होता है।
सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्राचार्य डाॅ. के. एल. टांडेकर ने कहा कि शिक्षा समाज की आवश्यकता है। इसे बेहतर बनाने के लिए शिक्षक – अभिभावक और विद्यार्थीय में सामंजस्य जरूरी है। ऐसा होने पर ही शिक्षा के क्षेत्र में विकास हो सकता है। नई शिक्षा नीति में अभिभावकों के योगदान को प्रमुख बताते हुए कहा कि भारत में शिक्षा का नवाचार हुआ है। शिक्षा के ढांचागत विकास से ही समाज का विकास होता है। अभिभावकों की देखरेख व सुझाव पर जो विद्यार्थीय अमल कर रहे हैं, उन्हें सफलता भी मिल रही है। वहीं प्राचार्य डाॅ. टांडेकर ने कहा कि पत्रकार का जागरुक होना महत्वपूर्ण है जागरुकता के साथ समाज का दर्पण बनकर कार्य करना ही पत्रकारिता है। पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए रोजगार के अवसर की कमी नहीं है नौकरी उन्हीे के लिए है जो नौकरी के लिए है। साथ ही पत्रकारिता विभाग के विद्यार्थियों ने समाचार पत्र, विभागीय पुस्तके, शैक्षणिक भ्रमण एवं मीडिया लैब निर्माण का प्रस्ताव रखा। जिस पर प्राचार्य ने सहमति दी।
जो अभिभावक कभी स्कूल – काॅलेज नहीें गये वह अपने बच्चों को महाविद्यालय में पढ़ते देखकर बहुत खुशी जाहीर की कई छात्र अपने पालकों को सम्मेलन में देखकर भावुक हो गये उनकी आखें से आसू छलक पडे। यह सम्मेलन खास रहा क्योकि शासन ने पढ़ने के आयु सीमा समाप्त कर दी है, जिससें छात्रों के साथ अभिवावक के रुप में जीवन साथी भी सम्मिलित हुए।
कार्यक्रम संचालन पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के प्रध्यापक अमितेश सोनकर द्वारा किया। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में विभाग के व्याख्याता कुमारी विभा सिंह, सेऊक दास का योगदान रहा साथ ही अभिभावक व अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन किया विद्यार्थीयों ने अपनी सहभागिता दी।